The smart Trick of हिन्दी कहानी That Nobody is Discussing
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अब यह अपने बच्चों को रोजाना इस ज्वार के खेत में दाना चुगाने के लिए ले जाने लगी.
और ये तो पराए मर्द के साथ मजे ले रही हैं.
इतना सुनते ही सभी बच्चों ने सिर झुका लिया. इस तरह गुरूजी ने अपनी पुत्री के लिए योग्य और बुद्धिमान वर मिल गया.
दूसरी तरफ दानवों ने शर्त का पालन किया, लड्डू उछालते रहे, उन्हें पाने के लिए लपकते रहे, न खुद खाए न दूसरों को खाने दिए. लड्डू तो बिगड़े ही, पेट भी न भरा.
तीनों में से सबसे बुद्धिमान मछली ने एक अलग तालाब खोजने की योजना बनाई। बाकि बची दो मछलियों में से एक ने सहमति व्यक्त की, पर दूसरे ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह तालाब उनका घर है और वह इसे छोड़कर नहीं जाएगी। फिर उसने आगे कहा “आज तक इस तालाब में कभी कोई खतरा नहीं था। मुझे नहीं लगता कि हमें यह तालाब छोड़कर जाने की जरुरत है, और छोड़कर जाना कायरता होगी। ”
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शेख बना शेख़ चिल्ली कहा जाता है शेख का जन्म हरियाणा के किसी गांव में हुआ । बचपन में पिता का साया उठ जाने के बाद उसकी मां ने उसका लालन-पालन किया । मां ने सोचा बेटा बड़ा ...
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वह हर बार अपनी सोंच में भरकर एक घास का तिनका लेके आती, उस वृक्ष की डाल पर उन्हें रखती और फिर वापिस चली जाती.
यह कहानी युगों–युगों से कही और बताई जाती रही है, लेकिन निश्चित रूप से यह एक ऐसी कहानी है जो आपके बच्चे को एक महत्वपूर्ण सीख देती है जो जीवनभर उसके साथ रहता है। आप इस कहानी का क्लासिक रूप भी बच्चों को सुना सकते हैं या कुछ वेरियशन के साथ भी सुना सकते हैं जो कि आपके बच्चे को सीखने के लिए एक मूल्यवान पाठ सबित होगा ।
कि उसकी माँ ने यह देख लिया और उसे समझाने लगी. उमा तुम यह क्या कर रही हो, कोई काम कर रहा हो तो उसकी मदद करनी चाहिए, इंसान होकर हमें जीव जन्तुओं को कष्ट पहुचाने की बजाय उनकी मदद करनी चाहिए.
एक विद्वान पंडित थे, उनका नाम था- राधे गुप्त. उनका गुरुकुल बड़ा ही प्रसिद्ध था, जहाँ दूर दूर से बालक शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते थे.
इससे अधिक देना मेरे हाथ की बात नही, उसने काफी निहोरे किये,